डायलिसिस मरीज को किन खाद्य पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए?

किडनी हमारे शरीर के लिए फ़िल्टर का काम करती हैं। ये यूरिन के जरिये हमारे शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालती हैं। परन्तु जब किडनी अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाती तो डायलिसिस करना पड़ता है।

 

यह एक ऐसा इलाज है जिससे लगभग हर डायबिटीक रोगी को गुज़रना पड़ता है। डायलिसिस की सहायता से शरीर से टॉक्सिंस रूप से बाहर निकाले जाते हैं। डाइबिटीज़ पूरे विश्व में अपने पैर पसार रहा है और हर दूसरा व्यक्ति इसका शिकार हो रहा है। यह या तो अनुवांशिक होता है या अचानक भी हो जाता है।

 

इसका मुख्य कारण बहुत अधिक टेंशन और तनाव है। हालाँकि एक बार जब व्यक्ति को डाइबिटीज़ हो जाता है तो डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरुरी हो जाता है। उनकी सलाह से उचित दवाईयां लेना और शारीरिक व्यायाम करना भी जरुरी होता है। इससे व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रखा जा सकता है। परन्तु यदि समय पर डाइबिटीज़ का नियंत्रण नहीं किया गया तो इसके कारण अन्य घातक समस्याएं जैसे हार्टटैक, अंधापन, अंगों का ठीक तरह से काम न करना, विशेष रूप से किडनी फेल होना आदि हो सकती हैं। तो जब आपकी किडनी ठीक तरह से काम नहीं करती तो डायलिसिस ही एकमात्र विकल्प होता है। परन्तु यदि डायलिसिस का रोगी स्वस्थ रहना चाहता/चाहती है तो उसे आहार संबंधी कडक नियमों का पालन करना पड़ता है। नीचे कुछ खाद्य पदार्थ बताये गए हैं जिनका सेवन डायलिसिस के रोगी को नहीं करना चाहिए।

 

डायलिसिस मरीज को किन खाद्य पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए?

 

  1. नमक/सोडियम:

 

डायलिसिस के दौरान वज़न बढ़ने से आपके इलाज पर नुकसान पहुँच सकता है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि आप कम नमक वाला खाना खाएं और यदि संभव हो तो सोडियम का सेवन न करें ताकि आपका ब्लडप्रेशर कम रहे। नमक के बजाय आप अन्य सीजनिंग जैसे हर्ब्स या मसालों का उपयोग कर सकते हैं परन्तु नमक के ऐसे विकल्पों का उपयोग न करें जिसमें पोटैशियम हो।

 

  1. मीट/प्रोटीन:

 

डायलिसिस के रोगी को प्रतिदिन कम से कम 8-10 औंस प्रोटीन का सेवन करने की सलाह दी जाती है। प्रोटीन युक्त आहार जैसे फिश, मीट और अंडे का सेवन नियमित तौर पर किया जा सकता है परन्तु इसकी मात्रा को नियंत्रित रखना चाहिए। अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन करने से अन्य प्रभाव हो सकते हैं। आप छोटे आकार की फिश या आधा चिकन ब्रेस्ट खा सकते हैं।

 

  1. अनाज:

 

कार्बोहाइड्रेट के कारण शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है। डाइबिटीक रोगियों को दिन में 6-10 बार अनाज, सीरियल्स या ब्रेड खाने की आवश्यकता होती है। परन्तु साबुत अनाज या उच्च फाइबर युक्त आहार जैसे गेंहू से बनी ब्रेड, ब्रान सीरियल और ब्राउन राईस न खाएं क्योंकि इनमें बहुत अधिक मात्रा में फॉस्फोरस होता है। इस खाद्य पदार्थ पर नियंत्रण करके आप अपनी हड्डियों और खून की नसों का ध्यान रख सकते हैं।

 

  1. डेयरी उत्पाद:

 

डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही या चीज़ का सेवन सीमित मात्रा में करें। हालाँकि इन चीज़ों की आवश्यकता डाइबिटीज़ के मरीजों को होती है परन्तु इनकी सीमित मात्रा जैसे आधा कप दूध या दही या एक औंस चीज़ का सेवन करें। स्किम मिल्क, लो-फैट मिल्क आदि का सेवन न करें क्योंकि इनमें फॉस्फोरस होता है जो डायलिसिस के रोगियों के लिए अच्छा नहीं होता।

 

  1. फल/जूस:

 

ऐसे फल जिनमें अधिक मात्रा में पोटैशियम हो जैसे कीवी, नेक्टरिन, प्रूनस, बनाना और खरबूजे न खाएं। इसके बजाय सेब, बेरीज़, चेरीज़, अंगूर, प्लम या अनानास खाएं। डॉक्टर की सलाह से ही इनका सेवन करें।

 

  1. तरल पदार्थ:

 

डायलिसिस के दौरान हार्ड ड्रिंक्स जैसे की शराब का सेवन बिलकुल करें। इसे आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है जो आपके जीवन के लिए जानलेवा हो सकता है। इसके बजाय एप्पल साइडर, अंगूर का जूस या लेमोनेड का सेवन करें।

 

 

  1. सब्जियां/सलाद:

 

सभी सब्जियों में कुछ मात्रा में पोटैशियम रहता है परन्तु यह आप पर निर्भर करता है कि आप कितनी मात्रा का सेवन करते हैं। डायलिसिस के दौरान कम पोटैशियम वाली सब्जियों का दिन में दो या तीन बार सेवन करना आवश्यक होता है। हरे पत्तेदार सब्जियां जैसे ब्रोकोली, खीरा, लेट्युस आदि का सेवन करें। ज़मीन के अन्दर उगने वाली सब्जियों जैसे आलू, गाज़र, चुकंदर का सेवन न करें।

 

  1. मिठाइयां:

 

डाइबिटीज़ का मरीज़ विशेषकर जो डायलिसिस से गुज़र रहा हो, उसे भारी डिज़र्ट नहीं खाना चाहिए। हालाँकि वह अब बाज़ार में आसानी से उपलब्ध शुगर फ्री मिठाईयां खा सकता है।

 

  1. डब्बाबंद खाघ पदार्थ:

 

डब्बाबंद खाने में उच्च मात्रा में सोडियम पाया जाता है जिसके कारण डायलिसिस के दौरान शरीर में फ्लूइड रिटेंशन हो सकता है। अच्छा होगा कि इस तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।

 

  1. नट्स और सीड्स:

 

इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में बहुत अधिक मात्रा में पोटेशियम और फास्फोरस पाया जाता है। अत: आपको सलाह दी जाती है कि डायलिसिस के उपचार के दौरान आप पीनट बटर, सूखे मटर, बीन्स आदि का सेवन न करें। डायलिसिस बहुत ही दुखदायी प्रक्रिया है और डॉक्टर आपकी प्रतिदिन की पानी पीने की मात्रा को भी सीमित कर देते हैं। तो इस तरह की स्थिति आने से पहले अच्छा होगा कि आप जल्दी ही अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना शुरू कर दें।